114वे अखिल भारतीय किसान मेले का शुभारंभ
उधमसिंहनगर/पंतनगर–13 अक्टूबर 16 अक्टूबर तक पन्तनगर विश्वविद्यालय में चलने वाले 114वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का शुभांरभ हो गया है। विश्वविद्यालय के 114वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्धघाटन मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल उत्तराखण्ड ले. जनरल गुरमीत सिंह द्वारा फीता काटकर किया गया।
उद्धघाटन के दौरान कुलपति, डा. मनमोहन सिंह चैहान, किसान आयोग उपाध्यक्ष राजपाल सिंह, किच्छा विधायक तिलक राज बहेड़, निदेशक प्रसार शिक्षा, डा. जे.पी. जायसवाल निदेशक शोध, डा. ए.एस. नैन, एवं अन्य अतिथि उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय में आयोजित किसान मेला किसानों विभिन्न प्रकार के बीजों, आधुनिक कृषि औजारों, खेती की नई तकनीक से खेती कर अपनी आय बढ़ाने में मददगार सिद्ध हो रहा है। जिसमें विद्यार्थियों द्वारा माॅडल के माध्यम से कृषि तकनीकों, ए.आई., जलवायु तकनीक के नवाचार को प्रस्तुत किया है जोकि एक प्रसंषनीय कार्य है। कहा कि आज खुशी का दिन इसलिए भी है कि विश्ववविद्यालय में किसानों एवं वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट तकनीकों के लिए सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि बीज के उत्पादन में क्रांति लाने की आवश्यकता है।
किसान मेले में उत्तराखण्ड की स्वयं सहायता महिलाओं द्वारा पैकिंग की गुणवत्ता बहुत ही अच्छी है। जोकि एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय महिलाओं और बेटियों का है। वही खाद्य के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
किसान आयोग उपाध्यक्ष राजपाल सिंह ने आने वाले समय मे पानी की कमी को लेकर कहा कि विश्वविद्यालय में शोध की आवश्यकता है क्योंकि आने वाले समय में पानी की किल्लत होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि जिस तरह मृदा में रासायनिक उर्वरक, यूरिया आदि का उपयोग हो रहा है जिससे पानी का स्तर घटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने की बात कही।
गांधी हाल में किच्छा विधायक तिलक राज बहेड, जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिला विकास अधिकारी, एसडीएम, अधिष्ठाता, निदेषकगण, संकाय सदस्य, किसान, विद्यार्थी, वैज्ञानिक, शिक्षक, अधिकारी, विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधि एवं अन्य आगंतुक उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों के साथ-साथ अन्य प्रदेशो तथा नेपाल के किसान भी उपस्थित थे।