द. अफ्रीका को हराकर लगातार दूसरी बार फाइनल में भारत
द. अफ्रीका को हराकर लगातार दूसरी बार फाइनल में भारत, ऑस्ट्रेलिया या पाकिस्तान से होगा मुकाबला
- रिकॉर्ड नौवीं बार फाइनल में पहुंची भारतीय टीम
- रोचक सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया
- कप्तान उदय और सचिन धास की जोड़ी का कमाल
खेल समाचार। दक्षिण अफ्रीका में चल रहे अंडर-19 पुरुष विश्व में भारत नौवीं बार अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है। उसने पिछली बार 2022 में इंग्लैंड को हराकर खिताब अपने नाम किया था। भारत साल 2000, 2008, 2012, 2018 और 2022 में चैंपियन बन चुका है।
भारत के युवा खिलाड़ियों ने एक बार फिर से कमाल कर दिया है। टीम इंडिया को अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में पहुंचा दिया है। गत विजेता भारत ने मंगलवार (छह फरवरी) को सेमीफाइनल मैच में मेजबान दक्षिण अफ्रीका को दो विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही उसने लगातार दूसरी बार फाइनल में अपनी जगह बनाई है। वह उसका मुकाबला 11 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया या पाकिस्तान से होगा।
उदय सहारन और सचिन ने दिलाई जीत
पिछले नेपाल के विरूद शतकवीर कप्तान उदय सहारन व सचिन दास ने इस मैच में भी अविस्मरणीय साझेदारी कर भारत को फाइनल की राह दिखाई। भारत के लिए इस मैच में कप्तान उदय सहारन ने शानदार पारी खेली। 32 रन पर चार विकेट गिर जाने के बाद उन्होंने सचिन दास के साथ 171 रन की साझेदारी की।
सचिन दुर्भाग्यशाली रहे और शतक नहीं लगा पाए। वह 96 रन बनाकर आउट हुए। सहारन 49वें ओवर में आउट हुए। पवेलियन लौटने से पहले वह टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचा चुके थे। उनका विकेट 244 रन के स्कोर पर गिरा। वहां से भारत को जीत के लिए सिर्फ एक रन बनाने थे। राज लिंबानी ने चौका मारकर मैच को समाप्त कर दिया।
भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम रिकॉर्ड नौवीं बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच चुकी है। मेजबान साउथ अफ्रीका के खिलाफ मंगलवार रात सांस थाम देने वाले सेमीफाइनल में उभरते सितारों ने दो विकेट से रोमांचक जीत हासिल की। अब पांच बार की चैंपियन भारत का सामना पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार को होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विनर से होगा। टूर्नामेंट में लगातार पांच जीत हासिल कर सेमीफाइनल में पहुंचे यंग ब्लू ब्रिगेड ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला लिया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका ने स्कोरबोर्ड पर 244 रन टांग दिए थे। साल 2014 का चैंपियन दक्षिण अफ्रीका मौजूदा टूर्नामेंट में भारतीय टीम के खिलाफ 200 से अधिक रन बनाने वाली पहली टीम है। भारत एक वक्त सिर्फ 32 रन पर अपने चार बड़े विकेट गंवा चुका था। हार का खतरा मंडरा रहा था, यहां से असंभव को सचिन दास (96) और कप्तान उदय सहारण (81) ने संभव कर दिखाया। दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिए रिकॉर्ड 171 रन की साझेदारी ने टर्निंग पॉइंट का काम किया।
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका की ओर से विकेटकीपर बल्लेबाज हुआन-ड्रे प्रिटोरियस ने 102 गेंद में 76 जबकि रिचर्ड सेलेट्सवेन ने 100 गेंद में 64 रन की पारी खेली, लेकिन अपनी टीम को बड़े स्कोर पर पहुंचाने में नाकाम रहे। दक्षिण अफ्रीका ने बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर शुरुआती 10 ओवर के भीतर ही स्टीव स्टॉक (12) और डेविड टीगर (00) के विकेट गंवा दिए। इन दोनों को तेज गेंदबाज राज लिम्बानी (60 रन पर तीन विकेट) ने आउट किया। प्रिटोरियस और सेलेट्सवेन ने इसके बाद तीसरे विकेट के लिए 72 रन जोड़कर पारी को संभाला। इन दोनों ने हालांकि 22 से अधिक ओवर खेले।
दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष क्रम को भारत के तेज गेंदबाजों लिम्बानी और नमन तिवारी (52 रन पर एक विकेट) ने विलोमूर पार्क की पिच से मिल रही गति और उछाल से काफी परेशान किया। प्रिटोरियस और सेलेट्सवेन भी तेज गति से रन बनाने में नाकाम रहे जिससे इस साझेदारी के दौरान अधिकांश समय रन गति चार रन प्रति ओवर से कम रही। बाएं हाथ के स्पिनरों स्वामी पांडे (38 रन पर एक विकेट) और मुशीर खान (43 रन पर दो विकेट) ने ऑफ स्पिनर प्रियांशु मोलिया के साथ मिलकर सटीक लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करते हुए मेजबान टीम की रन गति पर अंकुश लगाया।